विवाह मेलापक में मंगल दोष के प्रभाव
इस पृथ्वी पर दीर्घायु प्राप्त करने की कामना की जाती रही है एवं मानव-मन के लिए कर्म-निष्ठ जीवन का अनुसरण प्राकृतिक बताया गया है। यह इसलिए है कि ऋषि आध्यात्मिक स्वतन्त्रता एवं सांसारिक सुख भोग को विरोधी स्वीकार नहीं करते। ये दोनों परस्पर जीवन को सम्पूर्ण एवं समृद्ध बनाते हैं।
Language : Hindi
Research Scholar : Dr. Sachin Atray